अस्थमा रोगी दिन में 3 बार गर्म पानी की भाप लें, मास्क लगाएं और इन्हेलर पास रखें; याद रखें ये 10 बातें

सर्दियां शुरू हो चुकी हैं। संक्रमण के आंकड़े बढ़ रहे हैं। एयर पॉल्यूशन का लेवल भी बढ़ा हुआ है। इन तीनों बातों का सीधा असर अस्थमा के रोगियों पर भी पड़ रहा है। जयपुर की सांस रोग विशेषज्ञ डॉ. निष्ठा सिंह कहती हैं, अस्थमा के ऐसे मरीज जिनमें बीमारी कंट्रोल में नहीं रहती उनमें कोरोना होने पर हालत और बिगड़ती है। सर्दियों में इसके मामले बढ़ सकते हैं, इसलिए अस्थमा के रोगियों को कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है ताकि इसके अटैक रोके जा सकें। जानिए, महामारी के बीच अस्थमा के रोगी कैसे रखें अपना ख्याल...

कोरोना ने अस्थमा रोगियों की कितनी दिक्कतें बढ़ाईं
डॉ. निष्ठा कहती हैं, कोरोनाकाल में अस्थमा के ऐसे मरीजों को भी इन्हेलर लेना पड़ रहा है जिन्होंने इससे पहले इन्हेलर लेना छोड़ दिया था या जरूरत नहीं पड़ती थी। इस महामारी में ध्यान रखने वाली सबसे जरूरी बात है कि दवाएं और इन्हेलर मत बंद करें। दवाओं को बदल रहे हैं तो भी डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

कई बार मरीज इन्हेलर खरीदकर अपने आप इस्तेमाल करने लगते हैं, ऐसा बिल्कुल न करें। इन्हेलर इस्तेमाल करने का एक तरीका भी होता है, पहले डॉक्टर से इसे समझें।

अस्थमा और कोविड-19 कितना अलग हैं, इसे समझें
कई लोग अस्थमा और कोविड-19 को अंदरूनी तौर पर एक जैसी बीमारी समझते हैं, जबकि पूरी तरह से ऐसा नहीं है। डॉ. निष्ठा कहती हैं, अस्थमा में सांस की नली सिकुड़ जाती है, जिससे मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है। सांस लेते समय आवाज आना, सीने में जकड़न और खांसी जैसे लक्षण दिखते हैं।
वहीं, कोरोना के मामले में बुखार 100 डिग्री तक पहुंचता है। जोड़ों और शरीर की मांसपेशियों में दर्द होता है। इसके साथ सूखी खांसी आती है। अस्थमा के रोगियों को आमतौर पर बुखार और दर्द से नहीं जूझना पड़ता।

अब बात बचाव की, कोरोनाकाल में अस्थमा के मरीज ये 10 बातें ध्यान रखें

  • खट्‌टा, ठंडा और तली हुई चीजें खाने से बचें।
  • सामान्य की जगह हल्का गर्म पानी पिएं तो बेहतर है।
  • दिन में 2 से 3 बार गर्म पानी की भाप ले सकते हैं। ऐसा दो महीने तक करें।
  • जलनेति भी कर सकते हैं इससे अस्थमा और एलर्जी का असर घटता है।
  • इन्हेलर और जरूरी दवाएं अपने पास जरूर रखें।
  • मास्क जरूर पहनें क्योंकि यह कोरोना और एलर्जी दोनों से बचाएगा।
  • इंफ्लुएंजा की वैक्सीन जरूर लगवाएं।
  • सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और बेवजह बाहर जाने से बचें।
  • फरवरी के मौसम में खासतौर पर पार्क में जाने से बचें, यहां परागकण हो सकते हैं।
  • पहली बार इन्हेलर ले रहे हैं तो डॉक्टरी सलाह के बगैर न लें।

अस्थमा का अटैक होता क्या है?
अस्थमा के मरीजों में सांस की नली काफी सेंसिटिव होती है। इनको किसी भी चीज से एलर्जी हो सकती है। जैसे धूल, पौधों से निकले परागकण, बदलता मौसम, जानवरों के बाल या ठंडी हवा। जब मरीज का सम्पर्क इनमें से किसी एक चीज से होता है तो फेफड़ों तक ऑक्सीजन ले जाने वाली सांस की नली सिकुड़ जाती है और अस्थमा का अटैक पड़ता है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Extreme Winter and Asthma; What You Need to Know When It Gets Really Cold


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2VgUexd
via IFTTT

Comments