मेघालय में सांप जैसे सिर वाली मछली की एक नई प्रजाति मिली, यह साफ पानी में पाई जाती है
मेघालय में सांप जैसे सिर वाली मछली की नई प्रजाति का पता चला है। इस प्रजाति का नाम 'चन्ना स्नेकहेड' है। इस मछली को ढूंढने वाले ऐरिस्टोन रिंग्डोंगसिंगी का कहना है, पश्चिमी घाट, पूर्वी घाट, मध्य-भारत और श्रीलंका में अबतक जितनी स्नेकहेड मछलियां पाई गई हैं, नई मछली उससे एकदम अलग है। इसका रंग, दांतों का पैटर्न, ऊपरी बनावट और डीएनए सीक्वेंस एकदम अलग है। स्नैकहेड मछलियां एशिया में पाई जाती हैं। ये साफ पानी में ही मिलती हैं।
अलग तरह की स्नैकहेड फिश
चन्ना स्नेकहेड एक रंग-बिरंगी मछली है। यह मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स जिले के पुरियांग में एक छोटी पहाड़ी नदी में मिली है। शिलॉन्ग के सेंट एंथनी कॉलेज में फिशरी में ग्रेजुएट कर रहे ऐरिस्टोन कहते हैं, मछली के शरीर पर राज्य में उगने वाली तिपातिया घास जैसी धारियां हैं। जो देश के बाकी हिस्से में मिलने वाली स्नैक हेड मछलियों से अलग है।
इनकी लम्बाई 10 से 180 सेमी तक
इन मछलियों की लम्बाई 10 से 180 सेमी तक है। इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च में फिशरीज साइंस डिवीजन के वैज्ञानिक जे. प्रवीणराज कहते हैं, यह नई तरह की मछली है। इसकी ऊपरी बनावट और डीएनए से पता चला कि यह नई प्रजाति है। इसे ऐरिस्टोन रिंग्डोंगसिंगी ने तलाशा है, इसलिए मछली का नाम चन्ना ऐरिस्टोन रखा गया है।
प्रवीणराज के मुताबिक, पूर्वी नेपाल से पूर्वोत्तर, भूटान और म्यांमार तक हिमालय का पूर्वी क्षेत्र जैव-विविधताओं से भरपूर है। पिछले कुछ सालों में यहां स्नैकहेड मछली की छह प्रजातियां मिली हैं।
मेघालय मछली की नई प्रजातियों का घर
मेघालय में अक्सर मछलियों की नई प्रजाति देखने को मिलती है। शिलाॉन्ग के लेडी कीन कॉलेज की प्रोफेसर खलुर मुखिम ने यहां त्वादोह नदी से मछली की नई प्रजाति खोजी थी। मछली का नाम शिस्तुरा त्वादोह है। इसके शरीर पर काले रंग की धारियां हैं और स्किन सुनहरे भूरे रंग की है। मछली के नमूनों को कोलकाता के भारतीय प्राणी सर्वेक्षण भेजा गया है।
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